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बौद्ध धर्म के प्रतीक

12 मई को बुद्ध पुर्णिमा है। बौद्ध धर्म में अति शक्तिशाली/प्रभावशाली धार्मिक प्रतीक हैं। बौद्ध धर्म में ऐसे प्रतीकों को समाहित किया गया है, जो पूर्व से ही अति पवित्र एवं महत्वपूर्ण हैं। इसने अपने नवीन प्रतीकों को भी विकसित किया है। इस प्रश्नोत्तरी में बौद्ध धर्म के 12 प्रतीकों को 4 समूहों के अन्तर्गत अन्वेषित किया गया है- बौद्ध दर्शन, प्रतीक, बुद्ध का प्रतिनिधित्व एवं बौद्ध धर्म की पवित्र संरचनाएं।

भाग्यशाली प्रतिभागियों को विवेक देवरॉय द्वारा लिखित “भगवत गीता फॉर मिलेनियर्स“ की प्रति उपलब्ध करायी जाएगी।

बौद्ध धर्म के त्रिरत्न, 03 बौद्ध धर्म अवधारणाएं अर्थात बौद्ध रत्न का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन तीन में से 02 रत्न बौद्ध और धर्म हैं। तीसरा रत्न कौन सा है?

तिब्बती बौद्ध धर्म में कितने शुभ संकेत/प्रतीक है?

हिमालयी यात्राओं के दौरान इन में से कौन सी प्रार्थना अक्सर प्रार्थना झंडों पर दिखायी देती है?

बिना घुड़सवार के घोड़ा और खाली सिंहासन बौद्ध धर्म में किसका प्रतीक है ?

बुद्ध की सबसे प्रसिद्ध मुद्रा कौन-सी है ?

स्तूप के चारों ओर आँखे दिखायी देती हैं। ये आँखें किसकी हैं ?

भारत का राष्ट्रीय पुष्प जो प्रारम्भिक बौद्ध प्रतीक है। वह क्या है ?

बोधी वृक्ष, जहाँ बुद्ध को प्रबोधन प्राप्त हुआ था। यह कौन सा वृक्ष है?

धर्मचक्र सम्प्रभुता और चक्रवर्ती सम्राज्य को प्रदर्शित करता है। चक्रवर्ती का अर्थ- चक्र घुमाने वाला। कौन सा चक्र घुमाने वाला ?

स्तूप, बौद्धधर्म के सर्वप्रथम प्रतीक और वास्तुकला स्वरूप हैं। स्तूप के भीतर क्या होता है ?

बौद्ध मठ से प्रेरित होकर कौन से आधुनिक भारतीय राज्य का नाम रखा गया है ?

बौद्ध धर्म में पूजा गृह को चैत्य कहा जाता है। 2200 वर्ष पुराना यह चैत्य किस राज्य में है। इसमें अभी भी वास्तविक लकड़ी की बीम लगी हुई है।

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